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टी.वी. बेहद शिक्षाप्रद है
और पुस्तक पढ़ने के लिए प्रेरित करने वाला
उत्तर-आधुनिक, नव-उदारवादी एक प्रेरक-पक्ष भी
जब भी किसी एक कक्ष में कोई चलाता है टी.वी.
तो मैं चला ही जाता हूँ किसी दूसरे कक्ष में
और पढ़ने लगता हूँ पुस्तकों में लिखा दर्द
मैं शुक्रगुजार हूँ टी.वी. का।
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