माया एंजलो तुम जानती थी
पिंजरे में बंद पक्षी क्यों गाता है...
('आई नो वाई ए कंजड बर्ड सिंगस')
हम सब जानती हैं, पिंजरे में पक्षी
रोता क्यों है! माया, पक्षी रोता ही है...।
आठ साल में पिता जैसे ने किया बलात्कार
बोलती बंद / वर्षो तक / जीवन भर
नहीं माया शताब्दियों तक...।
बाप, बेटा, भाई या कोई भी होता है।
जीवन बचाया तुम्हारी रचनात्मक उर्जा ने
संचित कर सकी साहस, संघर्षो के बीच से।
नाइट क्लब की वेटर, कभी ट्राम कंडक्टर
कभी कुक, कभी यौन कर्म भी, पर
नहीं मानी हार...। औरत होने की पीड़ा
अश्वेत होने का उत्पीड़न, गहराती गई पीड़ा
अपनों का साथ छूटा, अवसाद की काली छाया
कौंधी थी रोशनी, राइटर्स गिल्ड से जुड़ी
मार्टिन लूथर से मिली, निर्भय हो गाए गीत
पिंजरे के पक्षी के गीत तुम्हारे, मेरे भी हैं
हमारे भी हैं, देश काल मे ध्वनित है
उनके अंतःसंगीत की प्रतिध्वनियाँ
शब्द अर्थ का हमारा संसार
मानवीय आस्था का संसार है
सवाल भटकने, या पहुँचने का नहीं
सवाल आखिरी साँस तक चलते जाने का है
हम चल रही है तुम्हारे साथ
गा रही है गीत, पिंजरे में
और पिंजरे से बाहर, पक्षी के गीत...।