सपने में रेत
रेत में सपना
रेत में रेत का सपना
और धँसना
धसकते हुए धँसना
नदी का हंकारना
नदी में रेत का होना
स्वप्न जैसा फिर होना
होना भी कहाँ होना
महज रेत होना|
और स्वप्न की मानिंद सब कुछ बिसर जाना
सपने में रेत
नदी का विराट तट
अद्भुत काया व माया के साथ नदी का वक्ष
और इस पर हाथ फेरना
शिशु की मानिंद
इस पर तैरना कुछ बिसूरना!
लेकिन शिशु हो
क्या कभी फुदक पाऊँगा
इन कच्चे सपनों के साथ!
('रेत में आकृतियाँ' संग्रह से)