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कविता

उम्मीद

श्रीप्रकाश शुक्ल


जो है
उसकी चिंता करने की क्या जरूरत है
जैसे कि वर्तमान

जो नही है
उसे पाने की दौड़ लगाना एक वहशीपन है
जैसे की भविष्य

है और नहीं के बीच
एक तनाव है

यह उम्मीद का तनाव
और इस तनाव के साथ जीते जाने में क्या हर्ज है।


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