बच्चे जो कि चोर नहीं थे चोरी करते हुए पकड़े गए चोरी करना बुरी बात है इस एहसास से वे महरूम थे
दरअसल अभी वे इतने मासूम और पवित्र थे कि भूखे रहने का हुनर नहीं सीख पाए थे
हिंदी समय में अच्युतानंद मिश्र की रचनाएँ