आज भी मौसम खराब है बाहर चिड़ियों की चहक नहीं सब कुछ ठंड-सी पड़ी है लेकिन आज भी उसके मन में ठंड नहीं पड़ी है चेहरे पर गुस्सा ही है कभी तो हँस दे भाई! आखिर हमने क्या गुनाह किया तेरे साथ? जरा बता दो तो। हमेशा क्यों है यह भाव तेरे चेहरे पर?
हिंदी समय में सुमित पी.वी. की रचनाएँ
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