मेरी हथेली उसको पसंद है न कि उससे बनी चीजें मेरे होंठ उसे पसंद हैं न कि मेरी बातें मेरा जिस्म उसे पसंद है न कि उसके अंदर का मन मैं उसके लिए बस एक खिलौना हूँ!
हिंदी समय में सुमित पी.वी. की रचनाएँ
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