hindisamay head


अ+ अ-

कविता

सोच

सुमित पी.वी.


कभी सोचता हूँ
नहीं कभी लगता है
मैं क्यों हूँ यहाँ
फिर अपने आप जवाब भी
पाता है
सब हैं इसलिए
मैं भी!!!


End Text   End Text    End Text

हिंदी समय में सुमित पी.वी. की रचनाएँ



अनुवाद