hindisamay head


अ+ अ-

कविता

आईना

सुमित पी.वी.


मेरी दादी कहती थीं
आईना ज्यादा मत देखा करो
वह हमेशा सच नहीं कहते
लेकिन मुझे उनकी बात
पर विश्वास नहीं था
लगता था जो है उसको
आईना दिखाएगा ही।
अब दादी नहीं रहीं
तो उनकी बात का सही
मतलब समझ आ रहा है।
आईना भी धोखा दे रहा है मुझे
अब क्या होगा इस जमाने का?


End Text   End Text    End Text

हिंदी समय में सुमित पी.वी. की रचनाएँ



अनुवाद