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कविता

रैशन और पैशन

सुमित पी.वी.


इमारत बनाने वालों को
देखते हुए मेरे अंदर हमेशा
जलन होती है

सोचता हूँ, इतना अच्छा काम
मैं भी क्यों न करूँ?

लेकिन उनमें और मुझमें
एक फरक है, जो बहुत बड़ा भी है
वे रैशन के लिए काम करते हैं
और मैं पैशन के कारण!


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