लक्षण (वीर) :-
कारण रहला पर भी जहवाँ सिद्ध होइ ना पावत काज।
विशेषोक्ति नाम के उहवाँ अलंकार मानत कविराज॥
उदाहरण : -
फाँसी पावे लायक हत्याा सिंह मुलायम कैले।
किन्तुप , अबे तख्तेे पर बाड़ें तख्ताह पर ना गैले ॥
करफ्यू तूरि अयोध्याप में जे तीर्थ करे चलि आइल।
ओ लोगन पर केस चलल ना आ ना लोग बन्हाीइल॥
करफ्यू भंग दोष से आ दुनियाँ से मुक्ति दियाइल।
जौन मुक्ति मुनि का भी दुर्लभ ऊहो मुक्ति भेंटाइल॥
पण्डित नेहरू जेकर जग का बड़का लोगन में वा नाम।
उनके नाती राजिव जी का भावत बा अब ओछा काम॥
पहिले के प्रधानमंत्री अब कांग्रेस अध्यबक्ष कहात।
ऊहें बाड़े बाधा टारत आज मुलायम के दिन रात॥
हँसी उड़ावत बा सब उनके किन्तुम न उनका हवे बुझात।
कुल के नाम डुबावत में ना बाड़े तनिको उहो घिनात॥
दिल्ली पटना और लखनऊ तीनूं में कलमी सरकार।
फल ना लागत किन्तुन मीठ बा ना फल के बड़हन आकार॥
जरदाह बा मूँह सदा सबके जरदाह से पीडि़त किन्तु़ न गात बा।
मन बा सब भाँति प्रसन्न सदा तन ना तनिको धिकलाह बुझात बा।
रुचि भोजन में कबहूँ कम ना हवे तीनूँ बेरा डटि के सब खात बा।
बनि जात हजामत आ मुँहे चूना दियात तबो केहुए न लजात बा॥
बुनियाँ बरसे पर भीजत ना केहु ना केहु भागत और लुकात बा।
करियापन चाह में बाटे परन्तुे अनिष्टत न आन के सोचल जात बा।
चलि जात बा खेल में ईंट परस्परर किन्तुि न देह में चोट देखात बा।
रहलो पर छाका पँजा तनिको कमी मेल मरौवत में न बुझात बा॥
जाड़ा के ऋतु पाँच महीना लगभग इहाँ विराजे।
चल पर और अचल पर उनके विजय दुन्दुँभी बाजे॥
शरद समय के उज्जजर बादर उनके छत्र बनेला।
उनका रहते दोसर केहुवे के ना छत्र तनेला॥
कास फुला के उनका खातिर उज्ज र चँवर डोलावे।
घाटो चिरई के पाँती उनके आगमन सुनावे॥
अग्रदूत बनि के उनके ऊ आगे आगे धावे।
चुप ना रहे जोर से उनके सुयश सर्वदा गावे॥
उनके बैरी सूर्यदेव जे तेजो राशि कहाले।
के बा धरती पर जनमल जे उनके आँखि मिला ले॥
ऊ सूर्य तेज से हीन होइ के कुहरा बीच लुकाले।
देरी से आवेले इहँवा चलि के खाले खाले॥
फर्ज अदायी करि के कइसों जल्दील भागि पराले।
आपन तेज भेंट जाड़ा के दे के बहुत लजाले॥
जाड़ वसूल करे कर ऐसन धन सबके चटि जाला।
केतने घर में माघ महीना में खर्ची घटि जाला॥
तरुवर गिरा गिरा के पत्ता उनके देत सलाम।
जब तक ऊ चलि जइहें ना दोसर पत्ता ना जामी॥
हाथी पर आवेले आ घोड़ी पर चढि़ के जाले।
सगरे ठाट राजसी रहते ना ऋतुराज कहाले॥