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कविता संग्रह

अलंकार-दर्पण

धरीक्षण मिश्र

अनुक्रम 53 सार (उदार) अलंकार पीछे     आगे


लक्षण (दोहा) :-
चाहे होत चढ़ाव या चाहे होत उतार।
अइसन वर्णन में बनत अलंकार बा सार॥
 
कहत दोष या गुण जहाँ क्रम से होत चढ़ाव।
कुछ कवि सार उदार के मानें इहे सुभाव॥
 
उदाहरण :- गिनती में सबसे प्रधान बा किसान किन्तुo
ओके दबावत गुण्डा लोग के जमाव बा।
गुण्डबन का ऊपर पुलीस आ पुलीसो पर
ग्राम गाँधी लोगन के दखल दबाव बा।
ग्राम गांधी लोगन पर एमेले आ एमपी बा
जे के फोन फूँक बीच जादू के प्रभाव बा।
एमेले आ एमपी का ऊपर सोखा ओझा बा
टोना का बल से जब जीते के चुनाव बा॥
 
सवैया :- इसकूल में जानि परे हमरा गणिते समुझे में हवे कठिनाई।
तब ओहू से मुश्किल लौकल कि कइसे लिपि उर्दू घसीट पढ़ाई।
कठिनाई बुझाइल ओकरो से बड़ा संस्कृपत के सब रूप रटाई।
अब अस्सीु का बाद भी ना बुझनीं कइसे समुझीं नवकी कबिताई॥


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