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कविता

बोरिस पास्तरनाक के लिए

अन्ना अख्मातोवा

अनुवाद - सरिता शर्मा


बंद हो गई अनूठी आवाज यहाँ,
झुरमुटों का साथी बिछुड़ गया हमसे हमेशा के लिए
बन गया है वह शाश्वत श्रोता
बारिश में जिसने कई बार गाया था

और आकाश के नीचे उगने वाले सभी फूल,
पनपने लगे - जाती हुई मौत से मिलने के लिए
मगर अचानक उसे शांत व्यक्ति मिल गया और दुखी हो गया -
वह ग्रह, जिसका सादा सा नाम पृथ्वी था


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हिंदी समय में अन्ना अख्मातोवा की रचनाएँ