वह बच्चा पिछड़ा हुआ बच्चा चील की तरह भागा अपना परीक्षाफल लेकर अपनी माँ के पास एक बार माँ बहुत खुश हुई उसके अच्छे अंक देखकर फिर तुरंत उदास किताबें खरीदकर देने के लिए पैसे नहीं थे उसके पास।
हिंदी समय में नरेश अग्रवाल की रचनाएँ