लेना-देना
पहले बेटी-बहन
फिर हो पत्नी
अलावा इसके
तुम माँ
बहू
सास भी हो
तुम्हारे सम्बोधन
तुमने नहीं बनाए
तुम्हें दिए गए
माँ-बेटी-बहन-बहू
एक ऐसा व्यक्तित्व
जो बदलता है
जगत-रीत से
तुम्हीं अपनी छवियों को
तोड़ती हो - जोड़ती हो
छवियाँ पूरक हैं
एक-दूसरे की
अनंत काल से