आदमी मरने के बाद कुछ नहीं सोचता। आदमी मरने के बाद कुछ नहीं बोलता। कुछ नहीं सोचने और कुछ नहीं बोलने पर आदमी मर जाता है।
हिंदी समय में उदय प्रकाश की रचनाएँ
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कविताएँ