एक सुस्त बैल हाँफ रहा है। उसके पुट्ठों पर चमक रहा है पसीना थके हुए नथुनों से गिर रहा है सफेद झाग सफेद झाग धीरे-धीरे सारे मैदान में जमा हो गया है।
हिंदी समय में उदय प्रकाश की रचनाएँ
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कविताएँ