छत पर बच्चा अपनी माँ के साथ आता है। पहाड़ों की ओर वह अपनी नन्ही उँगली दिखाता है। पहाड़ आँख बचा कर हल्के-से पीछे हट जाते हैं माँ देख नहीं पाती। बच्चा देख लेता है। वह ताली पीटकर उछलता है - देखा माँ, देखा उधर अभी सुबह हो जाएगी।
हिंदी समय में उदय प्रकाश की रचनाएँ
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कविताएँ