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कविता

खेल

उदय प्रकाश


जो लड़का
सिपाही बना था
उससे दूसरे लड़के ने
अकड़कर कहा -

'अबे राजा की पूँछ के बाल
मैं चोर नहीं हूँ'

और खेल
बिगड़ गया।


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हिंदी समय में उदय प्रकाश की रचनाएँ



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