जो लड़का सिपाही बना था उससे दूसरे लड़के ने अकड़कर कहा - 'अबे राजा की पूँछ के बाल मैं चोर नहीं हूँ' और खेल बिगड़ गया।
हिंदी समय में उदय प्रकाश की रचनाएँ
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कविताएँ