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कविता

मसखरों की पहचान में कुछ पंक्तियाँ

उदय प्रकाश


एक

मसखरे
एक दूसरे के प्रति
बहुत गंभीर होते हैं

दो

मसखरे जो होते हैं
उन्हें लोग मसखरा ही कहते हैं
लेकिन मसखरों के नाम भी होते हैं
और वे आपस में उन्हीं का इस्तेमाल करते हैं

तीन

मसखरे ही कर सकते हैं
मसखरों का सही मूल्यांकन

चार

मसखरे
दूसरों के सामने कभी हँसते नहीं हैं
हँसना उनके पेशे के चीज है
जिसका उपयोग वे
किसी मकसद से करते हैं

पाँच

सच्चे मसखरे
कभी मान ही नहीं सकते
कि वे मसखरे हैं

छह

मसखरे भाषा का इस्तेमाल
किफायत के साथ करते हैं
वे अपनी हिफाजत का सबसे पहले ध्यान रखते हैं

सात

अखबार
पाठ्य-पुस्तकें
सरकार
यहाँ तक की इतिहास में
मसखरों का उल्लेख गंभीरता से होता है।

आठ

मसखरे जिसका विरोध करते हैं
उसके विरोध को फिर असंभव बना देते हैं
इसीलिए मसखरे हमेशा
अनिवार्य होते हैं

नौ

मसखरे
अमूमन दंभी और ताकतवर होते हैं
उन्हें आटे का लोंदा
या माटी का माधो न समझना

दस

मसखरे
'अन' पर समाप्त होने वाली
कई क्रियाओं के कर्ता होते हैं
उदाहरण के लिए
शासन, उद्घाटन, लेखन,
विमोचन, उत्पादन, प्रजनन चिंतन आदि

ग्यारह

मसखरे ही जानते हैं
अपनी कला की बारीकियाँ
और कोई नहीं जानता

बारह

ऐसा भी होता है एक दिन
जब हम देखते हैं
मसखरों के हाथ में अमरूद की तरह अपनी दुनिया
मसखरे
दिखाते हैं अमरूद का करतब
हमें हँसाने के लिए
और हम डरना शुरू करते हैं

तेरह

यह तो नहीं कहीं
कि हम एक विराट मसखरा साम्राज्य के
प्रजाजन हैं।

 


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