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कविता

मेरी मित्रता के लायक

ईमान मर्सल


अपनी नाक ऊँची रखने के लिए
अफवाह फैलाते लोग,
चरस-गाँजा के शौकीन और मनोविश्लेषण करने वाले,
सरकार के खिलाफ आंदोलन करने वाले,
बेवफाई की सैद्धांतिकी गढ़ने वाले,
अपने पुरखों के नामों मे से अपने लिए
एक यादगार नाम खोजते रहने वाले,
अपने ही भीतर लगातार सुधार करने वाले,
कचरा जितने ईमानदार,
दूर से ही थोड़े निराशावादी
और दयालु, इसलिए कि दयालु हुए बिना कोई चारा ही नहीं

ये सारे लोग जो दिखने में मुझ जैसे हैं
और मेरी मित्रता के लायक हैं
ये सब जिन्हें तुमने मेरे लिए बनाया है
बहुतायत में हैं इस साल
मेरे खुदा
अपने सारे तोहफे वापस ले जाओ
और नए-नए दुश्मन भेजते रहने का अपना वादा
कभी मत तोड़ना

 


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