भीगे लाल कपड़े पे तहाके रखे पत्ते झिल्ली झीने-मोटे-मोटे-पीले-हरे पत्ते मघई-महोबा-या-बंगला-या-देसी गोला-या-कपूरी-या-फिर मदरासी जो पान नहीं खाय वहू के समय आय यह भारतीय उपमहाद्वीपता थोड़ा सुपारी और देना भाई तनिक चूना !
हिंदी समय में वीरेन डंगवाल की रचनाएँ