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कविता

वृक्ष के पत्र

वीरेन डंगवाल


चिट्ठियाँ लिक्‍खीं
हवा में डाल दीं
बे-पता थीं
उनका जो होता, हुआ

 


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हिंदी समय में वीरेन डंगवाल की रचनाएँ