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कविता

आल्दा मेरीनी

आल्दा मेरीनी

अनुवाद - सरिता शर्मा


मैंने कोमलता से प्रेम किया कुछ बहुत ही प्यारे प्रेमियों से
उन्हें इसके बारे में कुछ भी बताए बिना।
और मैंने इससे मकड़ी के जाले बुने
और मैं हमेशा अपनी खुद की रचना की शिकार हो गई।
मुझमें आत्मा थी वेश्या की
संत की और रक्त की लालसा वाले की और पाखंडी की।
बहुत से लोगों ने मेरी जीवन शैली को ठप्पा लगाया
और उस पूरे वक्त मैं सिर्फ उन्माद में थी।


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