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कविता

दृष्टि

महेन्द्र भटनागर


जीवन के कठिन संघर्ष में
            हारो हुओ!
हर कदम
दुर्भाग्य के मारे हुओ!
असहाय बन
            रोओ नहीं,
गहरा अँधेरा है,
चेतना खोओ नहीं!

पराजय को
विजय की सूचिका समझो,
अँधेरे को
सूरज के उदय की भूमिका समझो!

विश्वास का यह बाँध
                फूटे नहीं!
नए युग का सपन यह
               टूटे नहीं!
भावना की डोर यह
              छूटे नहीं!


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हिंदी समय में महेन्द्र भटनागर की रचनाएँ