नहीं निराश / न ही हताश!
सत्य है -
गए प्रयत्न व्यर्थ सब
नहीं हुआ सफल,
किंतु हूँ नहीं
तनिक विकल!
बार-बार
हार के प्रहार
शक्ति-स्रोत हों,
कर्म में प्रवृत्त मन
ओज से भरे
सदैव ओत-प्रोत हों!
हों हृदय उमंगमय,
स्व-लक्ष्य की
रुके नहीं तलाश!
भूल कर
रुके नहीं कभी
अभीष्ट वस्तु की तलाश!
हो गए निराश
तय विनाश!
हो गए हताश
सर्वनाश!