मैं जब कह रहा होता हूँ
	तुम मेरी बात को समझो
	इसका अर्थ ही यह होता है
	तुम मेरी बात मान जाओ
	पर तुम हठ करती हो
	बात नहीं माननी होती तो
	चुप बनी रहती हो
	तुम्हारा अचूक हथियार है चुप्पी
	मैं तुम्हे शब्दों से दबोचता हूँ
	तुम मुझे अपनी चुप्पी से
	मैं जब हँस रहा होता हूँ भीतर ही भीतर
	तुम समझती हो मैं कुछ छुपा रहा हूँ
	यह दीगर बात है
	कि जब हँस नहीं रहा होता
	तब भी कुछ छुपा रहा होता हूँ
	तुम्हें इसका तो कुछ गुमान ही नहीं
	कि रुँआसा होकर भी
	कई बार मैंने तुम्हें छकाया
	यह तो आज का चलन है
	अभिनेता हुए बगैर
	काम नहीं चल पाता आदमी का
	अभ्यास से सब आता है धीरे-धीरे
	कलात्मकता के साथ चीजों को छुपाना
	दुराव रखते हुए भी प्रेम कर पाना
	यही भर कमी रही मुझमें
	हँसना ठीक से नहीं सीख पाया
	रुँआसा होना जरूर सीख लिया
	तुमने जितना मुझे जान पाया
	इसके बरक्स
	मैंने कितना-कितना तुमसे छुपाया
	इसके माप की कोई इकाई नहीं
	यह था प्रेम का अनुपात