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कविता

हमर गाँव

तैयब हुसैन पीड़ित


दुअरा प सुरुज
पिछुआरे में चान
अँगना में हारल हियाव
हमर गाँव

राजा के छोटकी मेहरारू
कउआहँकनी
चंपा के जा-जा फुलवावे
घूरा पर दाना चिरइया संघ खोजे
त टोला के लोग दुरदुरावे
साँसत के पहिला पड़ाव
हमर गाँव

मोती के मालिक
हीरा के हकदार
गिने फाटल बेवाय खाली हाथ
भाग भगवान ओह जनम के कमाई
महभारत में अर्जुन चकरात
जुआ में पांडव के दाँव
हमर गाँव

डमरू के डम-डम
आ लोग खमाखम
कवनो तेलिया मसान गुरु-कन
चेंट से बिला के चलि जात दूर
खोरढ़ में
पइसा के खेल नजरबन्‍न
हिकमत से लीलल बउसाव
हमर गाँव

झाँक रहल खिड़की से
आँख-आँख हर कदम फुलात
झटहा से आम गिरे
निमकउरी आप भड़भड़ात
पसगयबत पाहुन के आगम में
छप्‍पर पर कउआ के काँव
हमर गाँव


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हिंदी समय में तैयब हुसैन पीड़ित की रचनाएँ