गुड़िया रानी, बात-बात पर
गुस्सा होना ठीक नही है
गाल फुलाना, मुँह लटकाना
हरदम रोना ठीक नहीं है।
गुस्सा तो है बड़ा निठल्ला
अवसर यह ढूँढ़ा करता है
मंदबुद्धि कर देता, इसके
चक्कर में जो भी पड़ता है।
कमजोरों पर हावी हो, यह
उनके बनते काम बिगाड़े
दुख-चिंता के पौधे रोपे
हँसी-खुशी के पंख उखाड़े।
गुड़िया रानी बनो बहादुर
खेलो-कूदो, नाचो-गाओ
अगर पास जो गुस्सा फटके
हँसकर उसको दूर भगाओ ।