गर्भ से जन्मे कोयला लोहा बॉक्साईट
और वक्ष पर लहलहाती गेहूँ की सुनहरी बालियाँ
तुम्हारे ऐश्वर्य की कथा कहते हैं
कमर की एक ओर खोंसी हुई नागफनी
और दूसरी ओर अमलतास
तुम्हारे चमत्कारों की व्याख्या हैं
चम्पई इच्छाएँ नारंगी उम्मीदें चटख फिरोजी स्वप्न
और हरे हरे गीत तुम्हारा सोलह श्रृंगार है
ओ पृथ्वी !
फैलो कुछ और
मनुष्यता के लिए शांति के एक सफेद फूल को खिलने की जगह दो