मेरी इन कोल्हापुरी चप्पलों का अकड़ा हुआ कीचड़ एयरपोर्ट के इस महाचकाचक फर्श पर वैसे ही टिमक रहा है जैसे पग्गड़ किसान का दकमता है कृषि-भवन के पोस्टर पर। 'परिचारिका' में परी दीर्घ इकार भूलकर हो जाती है क्योंकर छोटी इ ?
हिंदी समय में अनामिका की रचनाएँ