भोरे भिनुसहरे की बेला सिकड़िया मोर बाजइ हो
मोरी सासू खोलना दुआरे कै केवड़िया
सिकड़िया केन बजावल हो
सोवा हो बहुआ रानी सोवा होवेला आधी रतिया
न बेला भिनुसहरे की हो
मोरी बहुआ पवना निबहुरा डोलै झुरझुर
सिकड़िया ओन बजावल हो
घरवा के पिछवाँ बँसवरिया गझिन बँसवरिया हो
मोरी ननदो बँसवा की टुनुगी पर
बइठल चिरइया बोलिया बोलइ हो
उठहू ननद रानी देखा सिकड़िया केन बजावल हो
मोरी ननदो तोहरे बीरन परदेसवाँ
अवनवाँ कै दिन अइलै हो
ननदी जे खोलैली सिकड़िया केवड़िया दूनो पाटन हो
मोरे रामा हियरा हुलसि गइलैं
बिरना निहारि मन हरसै
निहारि मन बिहसेइ हौ