hindisamay head


अ+ अ-

कविता

उनका आना और जाना

प्रांजल धर


उनके आने पर वजनदार फूलमालाओं से
किया गया स्वागत उनका।
भुला दिया गया कि उनके बाद और पीछे भी
कुछ लोग आए हैं,
और कुछ लोग तो इन पीछेवालों के बाद भी।
उनकी टिप्पणियों के बाद
किसी से कुछ पूछा ही नहीं गया।
वे गांधीवादी हैं और आखिरी आदमी का भी
पूरा-पूरा ध्यान रखते हैं,
व्याख्यान देते हैं अंत्य के उदय पर।
बात करते हुए वे विषय को ही
बदल डालने में माहिर हैं।
छीन लेते हैं वे अहार्य चीजें भी।
उनके जाने को सबका जाना ही समझा गया
उनका व्यपगमन पर्याय है सबके लुप्त होने का।
 

End Text   End Text    End Text

हिंदी समय में प्रांजल धर की रचनाएँ