चिथरा पहिर घुसरि पुअरा में
देखत सुघर सोनहुल सपना
ऊसर बंजर परती धरती
सींचि-सींचि लोहू से अपना
हम दुनिया के सरग बनवलीं
नंदन वन अइसन चमकवलीं
सुधर मखमली सेज सजवलीं
किसिम-किसिम के फूल खिलवलीं -
जूही, चंपा, चटक चमेली
गोर बदन बेइलि अलबेली
गेंद, गुलाब, रात के रानी
केवड़ा के गुन कहाँ बखानी
धरती के ई शोभा सगरे
हउए मेहनति के फल हमरे