एक लड़का गा रहा है मस्ती में
शायद यह आज के समय की
सबसे संभावनापूर्ण पंक्ति है
कितनी सारी चीजों का जमाव है यहाँ
इसमें संघनित है एक साथ
अकेलेपन और असफलता की मिलीजुली वाष्प
बहुत सारी चीजें हैं जो पहचान में नहीं आतीं गीत में
कुछ बेहद समझदार शब्द भी चले आए हैं
लड़के के उदास गीत में
लोकप्रिय गीत नहीं गाता लड़का
यूँ ही गुनगुनाया करता है अकेले में शोक के गीत
उसको नहीं मालूम हैं बाजार के नए नए शब्द
नहीं पता संगीत का कोई साधारण शास्त्र
फिर भी ठीकठाक गा लेता है उदास लड़का
वह कुछ इस तरह के अपूर्व वैराग्य में गाता है
जैसे कहीं भी न रहता हो इस दुनिया में
जैसे कहीं नहीं हो उसका कोई घर
वह गीत में ही रहता हो, वहीं बसता हो चुपचाप
बाहर चला आता हो गाहे बेगाहे
वही गीत गाने के लिए जो उसका निवास है
कभी कोई अनजान नमी चली आती है उसके गीत में
तब उसके बोल जैसे झिम से टपकते हैं बूँद की तरह
जब सोचता है लड़का उन चीजों के बारे में
जो उसे मिलनी चाहिए थीं और नहीं मिलीं कभी
तब दुख से भर जाता है उसका किशोर गला
तमाम प्राचीन शोक चले आते हैं जाने कहाँ कहाँ से
उसकी आवाज को साथ देने के लिए
सब शामिल होते हैं उसके साथ अपना अपना दुख लेकर
नदी आसमान और पृथ्वी गाते हैं
उसके ही सुर के सहारे अपनी अपनी व्यथा के टुकड़े
कहीं तो जरूर सुनता होगा कोई
एक उदास लड़के का असंभव आलाप