एक दिन सब संगीत थम जाएगा
	सभागारों के द्वार होंगे बंद
	वीथियाँ सब सूनी होंगी
	सारे संगीतज्ञ हतप्रभ और चुप
	कवियों की धरी रह जाएँगी कविताएँ
	धरे रह जाएँगे सब धर्मशास्त्र
	धर्मगुरुओं की धरी रह जाएँगी सब साजिशें
	शवों के अंबार में कठिन होगा
	पहचानना प्रियतम का चेहरा
	उस दिन पूरी सभ्यता बदल दी जाएगी दुनिया की
	एक नया संसार शुरू होगा उस दिन
	बर्बर और धर्मांधों का संसार
	कापालिक हुक्मरानों का संसार