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कविता

शुभकामनाएँ

राकेशरेणु


1. 

कई चीजें कई रूपों में प्रकट होती हैं
मसलन शुभकामनाएँ
कई चीजों के होते हैं कई अलग-अलग अर्थ
मसलन शुभकामनाएँ
जबकि कई अलग-अलग माने वाले शब्द
देते हैं एक ही भाव कई बार
मसलन शुभकामनाएँ

2.

किसी भी रूप में आओ मेरे समीप तुम
एक शुभकामना हो
किसी भी दिशा से आओ मेरे समीप तुम
एक शुभकामना हो
नियम के विरुद्ध आओ या समरूप
मेरे लिए सदैव एक शुभकामना हो तुम
शुभकामनाओं के नहीं होते निश्चित रूप
नहीं होते निश्चित भाव, दिशा, नियम ही कोई
हर जगह देखी जा सकती हैं शुभकामनाएँ। 


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