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बाल साहित्य

राखी

अपर्णा शर्मा


मेरी प्यारी बहना आई,
राखी सुंदर-सुंदर लाई।

घड़ियों और टॉफियों वाली,
मन को कितनी भाने वाली।

छोटे-छोटे तारों जैसी,
मोटे चंदा सूरज जैसी।

लाल, हरी, नीली और पीली,
चटख गुलाबी रंग रंगीली।

जैसी भोली बहना मेरी,
राखी भी वैसी हैं प्यारी।

पापा लाए ढेर मिठाई,
हम दोनों ने मिल निबटाई।

राखी का त्यौहार है आता,
बहना को पैसा मिल जाता। 


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