जिंदगी अपनी कटी अक्सर तनावों में।
एक प्रतिभा की वजह - सारा शहर नाराज हर समय हम से रहा - हम पर गिराई गाज
दूब-भी बनकर गड़ी है कील पाँवों में।
दोस्ती के नाम पर कुछ दो-मुँहे साए हर समय मन की मुँडेरों पर रहे छाए
साँस तक लेना हुआ दूभर अभावों में।
हिंदी समय में इसाक ‘अश्क’ की रचनाएँ