यहीं से देख रहा हूँ
	तुम्हारी आँखों की महक
	सुन रहा हूँ
	तुम्हारा सुरीला ग्राम्य-गीत
	अनुभव कर रहा हूँ
	निकटतन
	
	वह खूबसूरत चेहरा-मेरा अन्यतम प्रिय
	कई छवियों में जड़ा
	है मेरे कलेजे की पोथी में
	
	इतनी रात -
	तुम्हारे बालों में
	मेरी इच्छा के जुगनू चमक रहे होंगे
	और भीग रहा हूँ मैं
	कुछ शब्दों के साथ यहाँ
	रात की स्याही में