असमय :
एक व्यक्ति की मौत
कर देती है
कितना कुछ खत्म
कितनी हँसी-खुशी, स्वप्नों-उम्मीदों
का हो जाता है
अचानक अंत
आत्महत्या के पहले सब ओर से
हुआ होगा वह घोर निराश
अपने से भी हुआ होगा निर्मम
संबलहीन
ऐसा नहीं करना था तुम्हें
मेरे प्यारे भाई!
तुम युवा थे - उत्साह से भरे हुए
जीवन की लंबी लड़ाई से तुम्हें भागना नहीं था
आए दिन की मुश्किलों से
इस तरह आजिज नहीं आना था तुम्हें
कुछ विरोधों से डरना नहीं था
तुम बहादुर थे - मेहनती और ईमानदार
मनुष्यता के विरुद्ध नहीं थे तुम्हारे एक भी काम
जीवन की डगर पर खड़े रहना था तुम्हें
पूरी ताकत से
और होना था आत्महत्या के विरुद्ध
पर अफसोस! तुम ऐसा न हो सके
अफसोस! बहुत अफसोस!!