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कविता

खड़ी बोली

अविनाश मिश्र


मेरे पास अवधी नहीं है
मेरे पास भोजपुरी नहीं है
मेरे पास मैथिली नहीं है
मेरे पास मगही नहीं है
मेरे पास कोई बोली नहीं है
 
मैं जब बोलता हूँ तो कहीं का नहीं लगता हूँ
मैं बहुत-सी बोलियाँ केवल समझता हूँ
बोल नहीं पाता
 


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