कविता
माँ की याद मनीषा जैन
लेटा रहूँगा खेत की माटी में बान की खाट पर तालाब, नदी के मुहानों पर झूलता रहूँगा गाँव के झूलों पर जैसे माँ की गोद में झूल रहा हूँ ये सब चीजें मुझे माँ की याद दिलाती रहेंगी।
हिंदी समय में मनीषा जैन की रचनाएँ