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कविता

प्यार - मैंने कहा राग

प्रतिभा कटियार


मैंने कहा राग
तुमने कहा रंग
मैंने कहा धरती
तुमने कहा आकाश
मैंने कहा नदी
तुमने कहा समंदर
मैंने कहा 'प्रेम'
तुमने कहा 'मैं'
इसके बाद
हम दोनों खामोश हो गए
कि प्रेम में 'मैं' नहीं होता...


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