hindisamay head


अ+ अ-

कविता

एक धुन
भारती सिंह


दूर तलक अँधेरों में
रोशनी का एक टुकड़ा
उम्मीद को शाख पर जकड़े
हमेशा कानों में बानगी देता
टेरता है एक धुन
वो सुबह कभी तो आएगी।


End Text   End Text    End Text