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बाल साहित्य

क्यों?

सोहनलाल द्विवेदी


१.  

क्यों बच्चों को नहीं सुहाता,
पढ़ना-लिखना, शाला जाना?
खेल-कूद में मन लगता,
दिन भर घर में धूम मचाना?
क्यों भाती मन को रंगरेली?
सुलझाए यह कौन पहेली?

२.

क्यों पतंग उड़ती है ऊपर?
क्यों न कभी नीचे को आती?
और गेंद फेंको जो ऊपर,
तो वह फौरन नीचे आती,
चोट लगाते ठेला-ठेली,
सुलझाए यह कौन पहेली?

३.

क्यों मेंढक पानी में रहते?
टर्रटों-टर्रटों गाना गाते,
क्यों न घोंसले में चढ़कर के
वे चिड़ियों को मार भागते?
जल में ही करते अठखेली,
सुलझाए यह कौन पहेली?

४.

क्यों कोल्हू जब बैल चलाता,
उसकी आँख बंद की जाती?
तिल में से न कढ़ता है,
कितनी ही वह पेरी जाती,
कब मन में खुश होता तेली?
सुलझाए यह कौन पहेली?

५.

क्यों स्याही होती है काली?
क्यों काला कागज न दिखाता
रंग-बिरंगी तस्वीरें लाख,
हरा-भरा मन है बन जाता,
क्यों भाते हैं सखा-सहेली?
सुलझाए यह कौन पहेली?

६.

नहीं मदरसे अच्छे लगते,
भाता है छुट्टी का घंटा।
मजा न चुप रहने में मिलता,
मजा तभी जब बजता टंटा।
अच्छी लगती ठेलमठेली।
सुलझाए यह कौन पहेली?

७.

चाचाजी क्यों दाढ़ी रखते,
बच्चों के मूँछें न दिखतीं?
क्यों चाची कंघी करती है,
अम्माँ अंजन रोज लगाती?
गुरु को भाते चेला-चेली,
सुलझाए यह कौन पहेली?

८.

क्यों चींटी बिल में रहती है,
क्यों इनको है शक्कर भाती,
पानी में शक्कर डालो तो,
पल भर में वह घुल-मिल जाती,
चींटी को भाती गुड़ भेली,
सुलझाए यह कौन पहेली?

९.

क्यों नटखट बच्चों को भाता
सदा पहेली को सुलझाना,
क्यों नानी को अच्छा लगता,
बच्चों के मन को उलझाना,
क्यों भाती है कथा-नवेली,
सुलझाए यह कौन पहेली?

१०.
 
संपादक जी को क्यों भाता,
बच्चों के मन को छलना?
क्यों बच्चों को अच्छा लगता,
संपादक का मन फुसलाना,
छिड़ती छेड़छाड़ अलबेली,
सुलझाए यह कौन पहेली?

११.

क्यों मुझको अच्छा लगता है,
नई-नई नित कविता गढ़ना?
क्यों तुमको अच्छा लगता है,
नई-नई नित कविता पढ़ना?
क्यों भाता है फूल चमेली,
सुलझाए यह कौन पहेली?
 


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