सफल मित्रों को
	लिखता रहा चिट्ठियाँ
	असफल प्रेमियों के लिए
	होता रहा दुखी
	मेले में रहा ढूँढ़ता
	खो गई लड़कियों के चेहरे
	भूली हुई बारहखड़ी
	लिखता रहा बेटी की कापियों पर
	छिपाता रहा तुमसे
	उन लड़कियों के खत
	जिनके लिए मैं दुनिया का सबसे ईमानदार
	प्रेमी था
	तुम्हारी बहन के लिए लिखे मैंने
	सबसे उदास गीत
	खेल खेल में खुलता रहा
	तुम्हारे आगे
	कितना तो सहज था मैं