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कविता

भोलाराम का जीव

हरप्रीत कौर


जंग लगी चिटकनियों
बंद पड़े दराजों में से
निकलेंगे दस्तावेज
भोलाराम के जीव की
दबी फाइल खुलेगी
एक मेज लगी कुर्सी पर बैठ कर
लिखेगा भोलाराम
और उसका लिखा गया
सब का सब
पढ़ा जाएगा
एक दिन
 


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