या तो चुप रहो या बोलो या तो बोलो या चुप रहो
बोलो तो इस तरह कि भीतर की चुप्पियों तक ले जाए बोलना.
रहो चुप तो इस तरह कि भीतर की चुप्पियाँ गहरी, अथाह, बोलें
हिंदी समय में प्रयाग शुक्ल की रचनाएँ