एक यात्रा के बाद
एक बार लौटा फिर
घर के दरवाजे पर -
की 'ठक,ठक'
सुन पड़ी पीछे छूटी हुई नदियों
की लय!
'ठक, ठक'
दीख पड़े पीछे खड़े बहुत दूर
पहाड़!
रास्ते घुमावदार
चाय की दुकानें
चट्टानें खेत चिड़ियाँ
सुरंगें
'ठक,ठक
खुला दरवाजा
बच्चे थे घर पर
भड़भड़ाकर मेरे साथ
घुसने की कोशिश
करने लगीं नदियाँ
धँसना चाहने लगे
घर में पहाड़!